प्रायः होमियोपैथी और बायोकैमिक चिकित्सा पद्धति का समन्वय एक पुस्तक में कम ही मिलता है। इस कमी को दूर करने के लिए यह पुस्तक उसकी एक कड़ी है। कुछ ऐसी जानकारियाँ जैसे होमियोपैथी के क्रोनिक, उपचार में ध्यान रखने योग्य बातें, प्रतिरोधक आदि जो अन्य पुस्तकों में एक स्थान पर उपलब्ध नहीं हैं इस पुस्तक में हैं। पुस्तक के अध्याय चिकित्सा की दृष्टि से गहराई तक लिखे गये हैं। रोग में कौन सी औषधि प्रयोग की जाए और किस आधार पर दी जाए। रोग में किस पोटेन्सी (शक्ति) का प्रयोग किया जाए इस पुस्तक में इस कठिनाई को भी दूर कर दिया है, जो इस पुस्तक का मूल बिन्दु है। यह पुस्तक छोटे रूप में गागर में सागर है। यह पुस्तक चिकित्सकों के साथ-साथ चिकित्सा की दृष्टि से आम जनता के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।