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Gulab Jamun (Hindi Poetry Book)
Author
Kartik Raj Kushvah
Specifications
  • ISBN 13 : 9788195456352
  • year : 2022
  • language : Hindi
  • binding : Hardbound
Description
मैं अक्सर सोचता हूँ, कविता क्या है? शायद जब एक कथन, तुलनाओं और विडम्बनाओं की गली से गुजरता है, तो वो कविता बन जाता है। मुझे लिखने का शौक कब हुआ, ये तो मुझे भी नहीं पता, लेकिन इतना जरूर याद है, दिमाग में हलचल हमेशा से रहती थी और रहती है, आसमान को देख कर, पेड़ों को देख कर, लोगों को देख कर या ऐसे कहूं, मेरा दिमाग, मेरी ऑंखों को काबू नहीं करता, शायद मेरी ऑंखें मेरे दिमाग को काबू करती हैं। कभी-कभी महीनों हो जाते हैं, कुछ सूझता ही नहीं, मानो मेरे ख्याल अपनी नानी के घर छुट्टी पर चले जाते हैं, और वापस न आना चाहते हों और कभी-कभी मेरे ख्याल ओवरटाइम करते हैं, जैसे उनको इन्क्रीमेंट चाहिए हो। बहरहाल, “गुलाब जामुन” की बात करें, तो ये कविता, मेरी शुरुआती रचनाओं में से एक है, जब मैं बचपन और जवानी के बीच कंफ्यूज था, किसे छोडूं किसे पकड़ूँ? हालाँकि आज भी मेरा बचपना जवान है। जैसे-जैसे आप इस किताब में आगे बढ़ते जायेंगे, तो आप एक सफर का अनुभव करेंगे, जैसे आप हिल स्टेशन पर जा रहे हैं, कभी ऊपर कभी नीचे, कभी अंधे मोड़ तो कभी रास्ता बंद नजर आता है। शायद जिन्दगी भी तो ऐसी ही है, अच्छी वाली बुरी या कभी बुरा वाला अच्छा, के आप कुछ नजर अंदाज नहीं कर सकते चाहे बुरा हो या अच्छा। दोस्तों मैं सिर्फ जुबान से नहीं जीवन से बोलता हूँ, और मेरा मानना है, हम जब लड़ते हैं तो जीत भी जाते हैं और जब नहीं लड़ते तो सिर्फ हारते हैं। ये ज्ञान की बात नहीं है, जिन्दगी की बात है जिस का दूसरा नाम तजुर्बा है क्योकि ज्ञान एक ऐसा शब्द है, जिसकी परिभाषा सबकी अपनी अपनी है, कोई पाकर खोता है तो कोई खोकर पाता है, इसका एहसास ऐसा ही है, जैसे सूखे के बाद बारिश या बारिश के बाद बाढ़।